काैन काैन सी भूमिका निभाती है घर में जब काेई लडकी ब्याह कर आती है... इसलिए ऐ पुरुष, उसका सम्मान करना... काैन काैन सी भूमिका निभाती है घर में जब काेई लडकी ब्याह कर आती है... इसलिए ऐ पुर...
जब अपना आत्मसम्मान खोया तो समझ आया, खुदको सबसे कम आंकना गलत ही तो था ! जब अपना आत्मसम्मान खोया तो समझ आया, खुदको सबसे कम आंकना गलत ही तो था !
पाप के ही पौधे,पैदा होते हैं आंगन में। लक्ष्मी का रूप,होता है सुहागन में। पाप के ही पौधे,पैदा होते हैं आंगन में। लक्ष्मी का रूप,होता है सुहागन में।
घुँघटा बैन करवा दे भरतार, महीना आया गर्मी का, रोटी पोऊँ आवै पसीना, भीगे मेरा शरीर, घुँघटा सरक गय... घुँघटा बैन करवा दे भरतार, महीना आया गर्मी का, रोटी पोऊँ आवै पसीना, भीगे मेरा ...
विधाता क्यों फिर नारी बनाई, हर घर जब होती है पराई। विधाता क्यों फिर नारी बनाई, हर घर जब होती है पराई।
फासलों का ख्याल है जिन्हें, उनमें ही दूरियाँ बढ़ती जा रही है। फासलों का ख्याल है जिन्हें, उनमें ही दूरियाँ बढ़ती जा रही है।